टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गये,,, किसी को लग न जाये ,, इसलिए सब से दूर…
सिख न पा रहा हु मीठे झूठ बोलने का हुनर कड़वे सच से न जाने कितने लोग रूठ गए ।