Ek hi shaks

Ek hi shaks se matlab tha,,,,
Wo bhi matlabi nikla..!!

कल ज़िन्दगी ने एक और ख़्वाब को आग लगा दी,

  और कुछ अपने हाथ सेक कर चले गए..!!

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किसी चाँद को अपना बनाने से पहले देख लें..

कितने और ग्रह उसके चक्कर लगाते हैं..!!



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