Badi bewafa ho jati hai

बड़ी बेवफ़ा हो जाती है ग़ालिब ये घड़ी भी सर्दियों में;
पाँच मिनट और सोने की सोचो तो, तीस मिनट आगे बढ़ जाती है

Post a Comment

0 Comments