एक सन्नाटा दबे-पाँव गया हो जैसे
दिल से इक ख़ौफ़ सा गुज़रा है बिछड़ जाने का..!!!
दिल से इक ख़ौफ़ सा गुज़रा है बिछड़ जाने का..!!!
दुआ का रंग नहीं होता ,
मगर ये रंग ले आती है...!!!
देखा जो इश्क़ आँखों में तो कहने लगा हकीम.....
अफ़सोस की तुम अब इलाज के काबिल ही नहीं रहे....!!
अफ़सोस की तुम अब इलाज के काबिल ही नहीं रहे....!!
ठीक लिखा था मेरे हाथो की लकीरो में ,
अगर वफ़ा करेगा तो बिखर जायेगा....!!
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