हो शत्रु कोई मानवता का, मैं सफल नहीं होने दूंगा
जागूंगा मैं रातौं में भी, मैं शांति नहीं छिनने दूंगा।
करोड़ों में नीलाम होता है एक नेता का उतारा हुआ सूट,
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कचरे में फेक देते हैं शहीदों की वर्दी और बूट..!!!
बाधाएं आती हैं आएं
घिरें प्रलय की घोर घटाएं,
पांवों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,
निज हाथों से हंसते-हंसते,
आग लगाकर जलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।
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