meejaj me thodi


meejaja me thodi


जिंदगी हैं बड़ी नादान इसलिए चुप हु ,
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हु , 
कहो तो कह दु जमाने से दास्तान अपनी,
उसमे आएंगे तुम्हारा नाम  इसलिए चुप हु ..!!!

शायरी आज कल

मिज़ाज में थोड़ी सख़्ती लाज़िमी है हुज़ूर,
लोग पी जाते अगर समंदर खारा न होता..!!!


छू लिया है इश्क़ का वो तार हमने,
जिसमे बेइंतहा मोहब्बत की बिजली थी..!


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