पहले डर लगता था उसे खोने से,,,,
अब
कोई भी फर्क नही पड़ता
उसके होने या न होने से
अब
कोई भी फर्क नही पड़ता
उसके होने या न होने से
🍁|| ख्वाब तो सब मीठे देखे थे, ताज्जूब है
आँखो का पानी खारा कैसे हो गया ||🍁
"अब कहां दुआओं में वो बरक्कते,वो नसीहतें, वो हिदायतें
अब तो बस जरूरतों का जुलूस हैं ,मतलबों के सलाम हैं ..!!!
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