नाराजगी मुझसे ऐसे भी जताती है वो...!
खफ़ा जिस रोज हो,,,
काजल नहीं लगाती है वो...!!
न तो तुम मासुम थे ,
न हलात, न तारीख , न ही दिन ,
कमाल है न, फिर भी बदल गए ..!!!
खो गया हूं इस भीड़ में ,
खुद को भूलता जा रहा हु मैं ,
पहले हर बात पर बहस किया करता था ।
अब खामोश हुआ जा रहा हु , मैं ..!!!
इतना कुछ हो रहा है दुनिया में....
क्या तुम मेरे नहीं हो सकते?
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