Sikha nhi hai mene


सीखा नही है मेने हाँथ में जाम लेना
फिर भी बहुत है भटकन इस प्यार की डगर में
कही में फिसल न जाऊ मेरा हाँथ थाम लेना ।


शायरी आज कल

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