Gajab ki garmi hai

शायरी आज कल





गज़ब की गर्मी है शहर में लेकिन ,
दिल किसी का भी पिगलते नही देखा मैंने ...!!!

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रब रूठा तो कोई बात नहीं...

तू रूठा तो कयामत होगी....

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जो गुमान करते हैं अपने अंगूर होने पर,,
 वो याद रखें एक दिन किशमिश हो जाना है.. 

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।। काश यह  दिल बेजान होता

         ना किसी के आने से धड़कता 

ना किसी के जाने से तड़पता.....।।🖤

🦋❤️
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