"तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं।
गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं।"
आज तेरे तेज से चमक रही वसुंधरा,
बिजलियों सी शक्तियां तुझमें विद्यमान हैं।
रंग तेरी इबादत का मुझ पर
इस कदर गहरा चढ़ा
कि "पडी नजर " मेरी जहाँ -
जहाँ वही दीदार तेरा हुआ .!!
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