लौट आओ अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है- अभी तो बाकी है एक रात दिसंबर कि
- वही सहर फिर वही बात होगी,नए पहर की नई शुरुआत होगी।
- 🍁|| गुलशन तो तू है मेरा..
- बहारों का मैं क्या करूँ..!!
नैनों मैं बस गए हो तुम - नज़ारों का मैं क्या करूँ ..|| 🍁
- बात बस नज़रिए की हैं,
.....काफी अकेला हूँ,या...अकेला काफी हूँ!! - जानते हो ....ख्वाब....क्या होते है... ?
वो दुनिया.....जहाँ तुम....मेरे होते हो...।। - गरीबी लड़ती रही ठंडी हवाओ से,
अमीरो ने कहा वाह क्या मौसम आया है,,!! - रख देता पलटकर सर के बल
- हल्का न समझो हल का बल!
- QFunny shayari on road safety