बड़ी हासरत थी हमे कि कोई हमे टूट के चाहता हम खुद ही टूट गये किसी को चाहते चाहते..!!!…
Read moreसुबह होते ही तेरे शहर से जाना है मुझे, आज की रात ज़रा मुझे मना के सोना, कोई ना सुनेगा…
Read moreबड़ी बेवफ़ा हो जाती है ग़ालिब ये घड़ी भी सर्दियों में; पाँच मिनट और सोने की सोचो तो…
Read moreकमाल है न साँसें मेरी... जिंदगी मेरी...मोहब्बत मेरी मगर हर चीज़ मुकम्मल करने के लिए ज…
Read moreख़ुशी पैसों पर नहीं, परिस्थितियों पर निर्भर करती है... एक बच्चा गुब्बारा ख़री…
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